प्रेस मीट - डॉ के सिवन, अध्यक्ष, इसरो द्वारा ब्रीफिंग होम / प्रेस विज्ञप्ति
आज (20 अगस्त 2019 को) इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु में चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान के चंद्र कक्षा प्रवेश (एल.ओ.आई.) के अवसर पर प्रेस बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान डॉ. कै. शिवन, अध्यक्ष, इसरो ने कई प्रादेशिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मीडिया के व्यक्तियों को संबोधित किया और उनके साथ चर्चा की। इस बैठक के सीधे प्रसारण को इसरो की वेबसाइट और यू-ट्यूब चैनल पर उपलब्ध कराया गया है।
डॉ. शिवन ने अपने संबोधन में यह घोषणा की कि ''लगभग 29 मिनटों की प्रज्वलन अवधि के लिए ऑनबोर्ड नोदन प्रणाली का उपयोग कर, आज सुबह एल.ओ.आई. युक्तिचालन का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया। इस युक्तिचालन ने परिशुद्ध रूप से चंद्रयान-2 को चंद्र के इर्द-गिर्द की कक्षा में अंत:क्षेपित किया।'' उन्होंने चंद्रयान-2 के 90 डिग्री के कक्षित्र अनति की विशिष्ट आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इसकी प्राप्ति चंद्र के पार अंत:क्षेपण (14 अगस्त 2019 को निष्पादित) और आज के एल.ओ.आई. युक्तिचालन, इन दोनों के परिशुद्ध निष्पादन से हुई है।
उन्होंने बताया कि, ''वर्तमान में यह उपग्रह चंद्र कक्षा में पेरिलून (Perilune)(चंद्रमा से निकटतम बिंदु) से लगभग 114 कि.मी. तथा अपोलून (Apolune) (चंद्रमा से दूरस्थ बिंदु) से लगभग 18,072 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।''
आगे डॉ. शिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 को चंद्र सतह से 100 कि.मी. की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजरने वाली इसकी अंतिम कक्षा में प्रवेश कराने के लिए इस चंद्रयान-2 पर चार युक्तिचालन निष्पादित किए जाएंगे।
इसके बाद, 02 सितंबर 2019 को विक्रम लैंडर कक्षित्र से पृथक हो जाएगा। इसके पश्चात, चंद्र के इर्द-गिर्द 100 कि.मी. x 30 कि.मी. की कक्षा पर लैंडर को स्थापित करने के लिए उस पर कक्षा युक्तिचालन निष्पादित किए जाएंगे। इसके पश्चात, लैंडर 7 सितंबर 2019 को मेनजिनस सी और सिंपेलियस एन क्रेटरों के बीच चंद्र के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र पर सुगम अवतरण के लिए विक्रम श्रृंखलाबद्ध सम्मिश्र ब्रेकिंग युक्तिचालन निष्पादित करेगा। इसके कुछ घंटों पश्चात, विक्रम से रोवर प्रज्ञान निकलकर अलग हो जाएगा और चंद्र सतह की चारों ओर स्वस्थाने अन्वेषण निष्पादित करेगा।
अध्यक्ष, इसरो के इस विवरण के पश्चात, मीडिया के साथ हुई लंबी चर्चा सत्र के दौरान चंद्रयान-2 मिशन के वैज्ञानिक उद्देश्यों, कक्षित्र से विक्रम के पृथक्करण और चंद्र पर उसके सुगम अवतरण के दौरान आनेवाली चुनौतियों और जटिलताओं, अवतरण पर चंद्र धूल का प्रभाव और चंद्रयान-2 द्वारा खींची गई तस्वीरों को भेजने तथा प्रज्ञान के मिशन जीवन काल पर प्रश्न पूछे गए। अध्यक्ष, इसरो ने इन सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तृत रूप से दिए।